माउंटआबू, सिरोही राजस्थान।
सामाजिक पुनर्निर्माण में शिक्षा शास्त्रियों का अहम दायित्व ,ज्ञान सरोवर में राष्ट्रीय शिक्षक सम्मेलन का खुला सत्र
माउंट आबू, 25 अप्रेल।
(किशनलाल) ;

दिल्ली टेक्नोलॉजी युनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. सुरेश कुमार ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के दौर में युवा पीढ़ी में अनुशासनप्रियता, देशभक्ति की भावना, सामाजिक पुनर्निर्माण के कार्यों में रूचि पैदा करने को शिक्षा शास्त्रियों का अहम दायित्व है। समूचे विश्व के मनोबल, चरित्रबल व ज्ञानबल बढ़ाने को पुरातन भारतीय संस्कृति को अंगीकार करने की अहम जरूरत है। यह बात उन्होंने शुक्रवार को ब्रह्माकुमारी संगठन के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में में शिक्षा प्रभाग की ओर से समग्र कल्याण के लिए शिक्षा विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के खुले सत्र में कही।पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी यूनिवर्सिटी सीकर के वाइस चांसलर प्रो. डॉ. अनिल कुमार राय ने कहा कि कंपयुटर शिक्षा से चरित्रवान संस्कारों का निर्माण असंभव है। नैतिक मूल्यों से संपन्न शिक्षक ही शिक्षा के माध्यम से चरित्र की गरीबी को दूर कर सकते हैं। कंपयुटर ज्ञान प्रदान करने का संवेदनाशून्य माध्यम है, शिक्षक विद्यार्थी में व्याप्त अज्ञानता को दूर करके संस्कारों को श्रेष्ठ बनाने का पुण्य कार्य करता है। गुरुग्राम युनिवर्सिटी जेंडर स्टडीज सेंटर निदेशिका डॉ. अमरजीत कौर ने शिक्षकों को अपने दायित्वों के प्रति सदैव निष्ठावान बने रहने पर बल देते हुए कहा कि विचारों की, आचरण की व सस्ंकारों की गरीबी को दूर करने से समाज को सुधारने की प्रक्रिया को गतिमान किया जा सकता है। गांधीनगर कमिश्नरेट ऑफ टेक्नीकल ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. विमल प्रजापति ने कहा कि शिक्षा विभिन्न वर्गों को आपस में जोडऩा सिखाती है। धर्म का ब्राह्य प्रदर्शन न कर लोगों को एक दूसरे धर्म की कमजोरियों को देखने एवं आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए केवल शिक्षाप्रद उपदेशों पर ही ध्यान देना चाहिए। मुंबई से आए प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. ईवी गिरीश, प्रभाग की मध्य प्रदेश के क्षेत्रीय संयोजिका राजयोग प्रशिक्षिका बीके किरण, प्रभाग की अधिशासी सदस्या बीके सुप्रिया ने भी विचार व्यक्त किए।
