सिरोही, राजस्थान ।
(चौथमल सूर्याल ),
संविधान एवं लोकतंत्र की रक्षा और सामाजिक न्याय के लिए 9 अप्रैल को जिला मुख्यालय पर जेल भरो आंदोलन संपन्न।
*भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा के बैनर तले मान्यवर वामन मेश्राम के नेतृत्व में राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय संयोजक बहुजन क्रांति मोर्चा नई दिल्ली के आहवान पर जिला मुख्यालय पर एडवोकेट सुंदरलाल मौसलपुरिया के नेतृत्व में लोकतंत्र एवं मताधिकार के मौलिक अधिकारों की रक्षा हेतु चुनाव प्रक्रिया में सुधार करने तथा EVM हटाकर बैलट पेपर पर चुनाव करवाने के समर्थन में जेल भरो आंदोलन किया गया। लोकतंत्र में वोट का अधिकार सबसे लोकतांत्रिक व्यवस्था की रीढ़ है वोट के माध्यम से शासक बनने और शासक चुनने का अधिकार मिलता है। ओबीसी और अन्य जातियों की जाति आधारित जनगणना करवाने तथा उन्हें सख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व के समर्थन में जेल भरो आंदोलन किया गया। आज मूलनिवासी बहुजन समाज का सुप्रीम कोर्ट और देश के विभिन्न हाइकोट्स में प्रतिनिधित्व शून्य है, भारत सरकार के पॉलिसी मेकर में मूलनिवासी बहुजन समाज का प्रतिनिधित्व नहीं है।विधायिका कार्यपालिका न्यायपालिका में मीडिया में ओबीसी Sc St का प्रतिनिधित्व नहीं होने से वंचित समाज के साथ अन्याय अत्याचार बढ़ रहे हैं।महापुरुषों के अवमानना का विरोध में जेल भरो आंदोलन किया गया गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब अंबेडकर पर अपमान जनक टिप्पणी करने के संबंध में।BT ACT निरस्त कर महाबोधि महाविहार टैम्पल मुक्ति के लिए जेल भरो आंदोलन किया गया।वक्फ संशोधन अधिनयम के विरोध में।बहुजन समाज से जुड़े महत्वपूर्ण स्थानीय मुद्दे भी शामिल हैं। इस आंदोलन में हर गांव/तहसील/ जिले में बहुजन समाज के लोगों पर सामाजिक आर्थिक राजनीतिक सांस्कृतिक रूप से अत्याचारों के गंभीर स्थानीय मुद्दों को भी ध्यान में रखा गया। उपरोक्त्त जेल भरो आंदोलन में जिला संयोजक बहुजन क्रांति मोर्चा एडवोकेट सुंदरलाल मौसलपुरिया,सिरोही, भारत मुक्ति मोर्चा जिला अध्यक्ष आसूराम लूनिया, बहुजन मुक्ति पार्टी जिला अध्यक्ष भगवानराम बादला, बामसेफ प्रचारक मदन लाल चौहान, बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क के जिला संयोजक राधेश्याम बौद्ध, क्षत्रिय मूलनिवासी महासंघ राष्ट्रीय महासचिव समन्वय राजेंद्र सिंह परमार,बीबीएफ संभाग प्रभारी विष्णु मोहरेशा, भैराराम भावरी, पोपटलाल राठौड़, नगाराम परमार जावाल, मांगीलाल ओडा, डॉ सी पी मकवाना, रणछोड़ राम चौहान, नवाराम सूर्याल, त्रिजा देवी, सुश्री दीक्षा,गौरव मोसलपुरिया, मंछाराम ओर, फूलाराम जोगसन, सरूपाराम, माधुराम परिहार, मिश्रीलाल चौहान, वागाराम, जसपाल सिंह, वीरेन्द्र सिंह,, जूझाराम, छगन सिंह बादला, भवानी शंकर गर्ग, सुमित, श्रीमती कलावती इत्यादि दर्जनों लोगों ने जेल भरो आंदोलन में भाग लिया।
