V24 NEWS CHANNEL (किशनलाल) ,
माउंट आबू, सिरोही राजस्थान।
व्यापारी राष्ट्र हित की सोच रख कर आगे बढ़ते है -कोचर
माउंट आबू, 02 अगस्त।
मुंबई के उद्योगपति नीरज कोचर ने कहा है कि संसार को सकारात्मक दिशा देने में व्यापारियों व उद्योगपतियों का बहुमूल्य योगदान होता है। श्रेष्ठ संस्कारों, अध्यात्म के सिद्धांतों को बारीकी से समझकर अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने में प्राथमिकता देने वाले व्यापारी सदैव राष्ट्रहित की सोच रखकर आगे बढ़ते हैं। सहयोग अपने आप में बहुत बडी शक्ति है जिससे कोई भी कार्य सहजता से किया जा सकता है। स्वभाव सहल हो तो सभी का सहयोग मिलता है। यह बात उन्होंने शुक्रवार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में संगठन के व्यापार एवं उद्योग प्रभाग की ओर से आयोजित आध्यात्मिकता द्वारा व्यवसाय में सफलता विषय पर आयोजित सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित करते कही। उन्होंने कहा कि मानवीय अभिमान जब आपस में टकराता है तो कार्य में बाधाएं उत्पन्न होती है। इसलिए सफलता सफलता प्राप्त होने पर अभिमान नहीं करना चाहिए। संकल्प से सिद्धि का जो ज्ञान यहां दिया जा रहा है उसने मानवीय जीवन पर गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने दूरदरर्शिता के धनी व्यापारियों व उद्योगपतियों का आह्वान करते हुए कहा कि भारत में आस्था स्थलोंं व पूजा करने वालों की संख्या में विश्व भर में सर्वाधिक है। इसलिए हम पर यह जिम्मेवारी आती है कि सत्य धर्म को सबसे बड़ा धर्म मानते हुए स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन के अभियान का हिस्सा बने। भारत को पुन: सुख-शांति से परिर्पूण देश के रूप में विकसित करते हुए हम उस गौरवमयी स्थान को पुन: प्राप्त कर सकते हैं, जो सोने की चिड़िया कहे जाने वाले इस राष्ट्र को अतीत में प्राप्त था। प्रभाग की उपाध्यक्ष बी. के. योगिनी ने भौतिक सुखों के साधन बढ़ते जा रहे हैं लेकिन जीवन मूल्य उसी अनुपात में घट रहे हैं। झूठ, कपट, पाप के वातावरण को बदलने के लिए जीवन में सत्यता व पवित्रता धारण करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि पवित्रता की शक्ति अनेक आपदाओं से पार ले जाती है। हमें इस बात को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उद्योगपति हरेन मेहता ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संगठन द्वारा दिया जा रहा प्रेम व सदभाव का संदेश जीवन में धारण कर उसे व्यवहार में लाने से व्यापारिक क्षेत्र की हर चुनौती का सामना करना सुगम हो जाता है।
ब्रह्माकुमारीज संगठन की संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके सुदेश दीदी ने कहा कि भौतिक संसाधनों की भरमार से नैतिक मूल्यों पर कुठाराघात हो रहा है। साधनों के साथ साधना का जीवन में होना अनिवार्य है। बिना साधना के साधनों का उपयोग घातक साबित हो रहा है। भैतिक वाद के इस दौर में संसार अशांति, हिंसा व दु:खों की चरम सीमा का सामना कर रहा है, ऐसी विकटतम परिस्थितियों में शाश्वत सत्य को सामने रखते हुए जीवन को अध्यात्म से निखारना अति आवश्यक हो गया है।प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक बीके हरीश मुंबई ने कहा कि त्याग, संयम व करूणा के साथ जीवन को चरित्रवान बनाने वाले व्यापारियों के पीछे सफलता परछाई की तरह आती है। संयम बरतने वाले प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सिद्धांतों से समझौता न कर अपने इरादों पर अटल रहते हैं। आंतरिक खुशी प्राप्त करने को अध्यात्म की गहराई में जाने पर ध्यान देना चाहिए। कर्मो में श्रेष्ठता लाने को अध्यात्म उपयोगी माध्यम है। मुख्यालय संयोजिका बी. के. गीता बहन, मुंबई से आई राजयोग प्रशिक्षिका बीके अमृता बहन, मोहन पटेल आदि ने भी विचार व्यक्त किये। इससे पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का विधिवत उदघाटन किया।