सिरोही की अर्बुदा गौशाला व डेरी फार्म संचालन के नाम गौधाम महातीर्थ पथमेडा के हवाले
राज्य सरकार व श्री गौधाम महातीर्थ पथमेडा के बीच अनुबंध निष्पादित,
सिरोही की जनता में आक्रोश,
सिरोही(हरीश दवे) ,
सिरोही की रियासत कालीन अर्बुदा गौशाला व डेरी फार्म ततकालीन प्रधान मंत्री स्व. गोकुल भाई भट्ट व राजमाता ने गोधन सरंक्षण व संवर्धन के लिए अर्बुदा गोशाला बनाई व 5 गावो के मवेशियो के लिए 5 हजार बीघा गोचर रखा व अर्बुदा गोशाला व डेरी फार्म की नींव रखी।ओर उस पे गहराई से काम होता तो अर्बुदा डेरी बनास व अमूल के टक्कर की डेरी होती।पर गोचर को राजनीतिक सरंक्षण में भूमाफियाओं ने हड़पा व अर्बुदा गोशाला करप्शन का अड्डा बना है।इसी गोशाला के मुद्दे पर विधायक ने भाजपा के गोपालन मंत्री को पटखनी दी थी।व उसी अर्बुदा गोशाला व गोचर को प्रदेश की कोंग्रेस सरकार ने निजी संस्था के हवाले एमओयू साइन कर हवाले कर कोंग्रेस के पहले प्रदेश अध्यक्ष स्वर्गीय गोकुल भाई भट्ट स्वर्गीय राजमाता सिरोही रियासत स्वर्गीय पुखराज जी सिंघी व स्वतन्त्रता सेनानियों के अरमानों व गो सरंक्षण की मूल भावना का राजनीतिक कारणों से कोंग्रेस व भाजपा के तथाकथित राजनेताओं व गोभक्त समाज सेवियों की मिली भगत से गोसरङ्क्षण के नाम गोचर की जमीन को एमओयू बना प्रथम संविधान अर्बुदा गोशाला के मूल उद्देश्यों का गला घोंटा है व गत खिलाफ देने की कोशिश की तो में हरीश दवे अध्यक्ष हिन्दू वेव जिले के गोभक्तो, पशुपालको व 36 कौम के साथ अर्बुदा गोशाला व स्वर्गीय गोकुल भाई भट्ट व स्वतंत्रता सेनानियों के गोसरक्षण के सपने पूरे करने आंदोलन छेड़ेंगे। र हिन्दू वेव के अध्यक्ष हरीश दवे ने कहा की विकास व मानव की भौतिक लालसा में जिले के गोचर तो वैसे ही हड़प लिए है।आम्बेश्वर जी हो या वाडा खेड़ा हर गोचर में अतिक्रमन है।अगर विधायक संयम लोढा जिले के पशुपालको व विकास चाहते है तो अर्बुदा डेरी उधोग विकसित करें।या गोचर में औधोगिक क्षेत्र विकसित करे।पर गॉरङ्क्षण की आड़ में राजनीतिक फायदे के लिए अर्बुदा गोचर पे जिला प्रशाषन व राज्य सरकार ने छेड़छाड़ की तो गोभक्त,पशुपालक व स्थानीय जन विरोध करेंगे। वेसे विधायक संयम लोढा गत दो वर्ष से इसके लिए प्रयासरत थे लेकिन जिला स्तरीय नंदी शाला के लिए राज्य सरकार की ओर से 12 माह का अनुदान दिये जाने की मांग के कारण इसमें लगातार विलंब हो रहा था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2023-24 के बजट में इसकी घोषणा कर दी जिससे जिला स्तरीय नंदी शाला अर्बुदा गौशाला में स्थापित करने की सहमति बन सकी। राज्य सरकार ने गौशाला की भूमि के चारो ओर दीवार, भूमि सुधार आदि के लिए 4 करोड 50 लाख रूपये स्वीकृत की है।विधायक संयम लोढा ने संत गोविंद वल्लभदास महाराज व गौसेवको के साथ अर्बुदा गौशाला के कार्य प्रगति का अवलोकन किया एवं महाराज को बधाई देकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जताया। लोढा ने बताया कि गौवंश संरक्षण को लेकर राज्य की अशोक गहलोत सरकार निरंतर प्रयासरत है। इस एमओयू के बाद गोवंश संरक्षण को बढावा मिलेगा।अर्बुदा गौशाला सिरोही की सम्पूर्ण देखरेख, प्रबंध किये संचालन एवंस्वालंबन हेतु श्री गौधाम महातीर्थ पथमेडा लोकपूण्यार्थ न्यास श्री कामधेनु शक्ति पीठ आनंदवन पथमेडा तहसील सांचोर जिला जालोर से संबंध श्री गोपालन गोर्वधन गौशाला समिति नंदगांव वडवज तहसील रेवदर जिला सिरोही द्वारा किया जाएगा।राज्य सरकार की गौवंश संरक्षण की नीति के तहत गौवंश संरक्षण, सम्पोषण संवर्धन एवं चारागाह विकास के लिए राज्य सरकार एवं उक्त संस्था के बीच समझौते के जरिये 30 वर्ष का अनुबंध पत्र किया गया है। जिला कलक्टर डॉ भंवरलाल एवं गौशाला अध्यक्ष के बीच यह अनुबंध निष्पादित किया गया जिसमें अतिरिक्त जिला कलक्टर कालूराम खौड व श्रीपति धाम नंदनवन के संस्थापक संत गोविंद वल्लभदास महाराज साक्षी बने।यह गौशाला सिर्फ गौशाला के उद्देश्य प्रयोजनार्थ उपभोग व उपयोग देने कीसहमति बनी है। इसका स्वामित्व जिला कलक्टर सिरोही की अध्यक्षता में गठितकमेटी का पुर्ववर्त रहेगा। गौशाला के संचालन में सहभागिता हेतु दोनो पक्षो के बीच अनुबंध किया गया है जिसे दोनो पक्षो की सहमति से आगे बढाया जा सकेगा। अभी गौशाला में 566 गौवंश है जिसका हस्तांतरण किया गया है। इस भूमि में जिला स्तरीय नंदी शाला की स्थापना की जाएगी। गौवंश के लिए झाडियां हटाकर पेड, चारा गोदाम, गमाण, पानी की खेली, गौष्ठ की तारबंदी, कार्यालय, नलकूप, कुआं, विद्युत कनेक्शन, ग्वाला गृह, गौ चिकित्सालय, चिकित्सक आवास व अन्य निर्माण नंद गांव समिति द्वारा करवाया जाएगा।भामाशाह इसमें अपना योगदान कर सकेगे।जिला स्तरीय नंदी शाला में प्रति 1 हैक्टेयर पर 100 गौवंश को प्रवेश दिया जाएगा। प्राथमिकता वेद लक्षणा गौवंश को दी जाएगी लेकिन अन्य नस्ल का गौवंश भी रखा जा सकेगा। बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाया जाएगा और हरा चारा उगाया जाएगा इसके साथ ही गौ कृषि अन्न, औषधीय पौधे, छायादार वृक्ष आदिलगाये जायेगे। कृषि कार्य पूर्णत: जैविक पद्वति से किया जाएगा। गौशाला परिसर में आवागमन पथ, वर्षा, जल संग्रहण, तालाब, एनीकट, वृक्षारोपण, घास, चारा, औषधी उत्पादन, गोष्ठ गौसंधन, चारा संग्राहलय, गौसेवक निवास का निर्माण किया जाएगा। केन्द्र व राज्य सरकार, सांसद व विधायक भी इसमें अपने कोष से सहयोग प्रदान कर सकेगे। गौमूत्र संकलन परिष्करण व बैल ऊर्जा उत्पादन अनुसंधान शाला तथा गौ कृषि प्रशिक्षण केन्द्र का संचालन भी किया जाएगा।गौशाला परिसर में संगोष्ठी व सेमीनार का भी आयोजन होगा। समिति ने सफाई कार्य प्रारम्भ कर दिया है।