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(वी 24 न्यूज चैनल नेटवर्क)

नई दिल्ली ।

भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C), गृह मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय संगठित साइबर अपराधियों द्वारा अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ‘mule’ बैंक खातों का उपयोग कर बनाए गए उन गैर-कानूनी पेमेंट गेटवे के खिलाफ़ अलर्ट जारी किया है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हैं

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय, साइबर सुरक्षित भारत के निर्माण के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है

गुजरात पुलिस और आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा हाल ही में की गई राष्ट्रव्यापी छापेमारी में पता चला कि अंतरराष्ट्रीय अपराधियों ने ‘mule’ या किसी और के खातों का संचालन कर अवैध डिजिटल पेमेंट गेटवे बनाए हैं

मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त इस अवैध तंत्र का इस्तेमाल साइबर अपराधों से हासिल अवैध धन की लॉन्ड्रिंग के लिए किया जाता है

I4C ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे अपने बैंक खाते/कंपनी पंजीकरण प्रमाणपत्र/’उद्यम आधार’ पंजीकरण प्रमाणपत्र किसी को न बेचें और न ही किराए पर दें

ऐसे बैंक खातों में किसी और द्वारा जमा अवैध धनराशि के लिए गिरफ़्तारी सहित अन्य कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं

नागरिक किसी भी साइबर अपराध की सूचना हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर तुरंत दें और सोशल मीडिया पर “CyberDost” चैनल/अकाउंट को फ़ॉलो करें

राज्यों की पुलिस एजेंसियों से प्राप्त जानकारी और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र द्वारा किए गये विश्लेषण के अनुसार, निम्नलिखित बिन्दुओं की पहचान की गई :

I. चालू खाते (Current Account) और बचत खाते (Savings Account) सोशल मीडिया, खासकर Telegram और Facebook के माध्यम से खोजे जाते हैं; ये खाते shell कंपनियों / एंटरप्राइज या व्यक्तियों के होते हैं।

II. इन mule खातों को विदेशों से संचालित किया जाता है।

III. फिर इन mule खातों का उपयोग कर अवैध पेमेंट गेटवे बनाया जाता है, जिसे आपराधिक सिंडिकेट को फर्जी इन्वेस्टमेंट स्कैम साइटों, offshore सट्टेबाजी और जुए से जुडी वेबसाइटों, फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आदि जैसे अवैध प्लेटफार्मों पर जमा हुई धनराशि प्राप्त करने के लिए दिया जाता है।

IV. जैसे ही अपराध से अवैध धन प्राप्त होता है, उसे तुरंत दूसरे खाते में डाल दिया जाता है। इसके लिए बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली Bulk Payout की सुविधा का दुरुपयोग किया जाता है।

अभियान के तहत जिन पेमेंट गेटवे की पहचान की गई, उनमें PeacePay, RTX Pay, PoccoPay, RPPay आदि शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये गेटवे, मनी लॉन्ड्रिंग को एक सेवा के रूप में उपलब्ध कराते हैं और इन्हें विदेशी नागरिकों द्वारा संचालित किया जाता है।

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